लखनऊ

सीमा गुप्ता ने अपने बेटे की अराजक तत्वों से सुरक्षा मांग की

लखनऊ।

सीमा गुप्ता पति आशीष गुप्ता निवास निकट चांसलर क्लब थाना आशियाना लखनऊ कमिश्नरेट पूर्वी जोन की रहने वाली हैं।उनका कहना है की रविवार तड़के 4:40 बजे आशियाना क्षेत्र की पुलिस टीम दल बल के साथ आई और साथ ही कुछ अधिवक्ता के भेष में लोग उनके आवास पर आ धमके और तेज- तेज से गेट पीटने लगे। वे, उनके पति और उनका बेटा डर गया। कुछ देर बाद जब वे पूछताछ के लिए बाहर निकली तो पुलिस वर्दी में बैठी टीम ने उनसे उनके पति आशीष गुप्ता को बाहर निकालने को कहा और यह भी बताया कि उसके नाम गैर जमानती वारंट है। उन्होंने वारंट दिखाने को कहा। पुलिस टीम ने कोई भी कागजात दिखाने से मना कर दिया। उन्होंने पुलिस टीम, कोर्ट व पुलिस द्वारा किसी भी प्रकार की पूर्व नोटिस अथवा सम्मन न आने की बात कही।

इस पर वह लोग उनको और उनके बेटे को डराने धमकाने लगे और कोई वारंट भी नहीं दिखाया। ऐसे में सीमा गुप्ता और डर गई और घर के अंदर चली गई। पुलिस टीम घर के बाहर खड़ी रही। पुलिसकर्मियों के साथ अधिवक्ता के कपड़ों में लोग गाली-गलौच करने लगे। सीमा गुप्ता ने डायल 112 पर भी कॉल किया और मौके की बात बताई। एक आम शहरी के घर पर इतनी सुबह तड़के इस तरह अपराधियों को पकड़ने जैसा आ धमकी, डायल 112 से यह कंफर्म हुआ कि पुलिस आशियाना थाने की ही है लेकिन बावजूद इसके उन्हें तब तक कोई नोटिस नही दिखाई गई।

लगभग आधे घण्टे बाद पुलिस टीम सहित अधिवक्ता के कपड़ों में लोगों ने मिलकर उनके घर का दरवाजा तोड़ दिया। अधिवक्ता भेष में जो भी लोग संदिग्ध लोग थे वह बराबर डरा धमका रहे थे।आखिर में मजबूर होकर उनके पति आशीष गुप्ता बाहर निकले और पुलिस उन्हें उठा कर थाने ले कर चली गई।

उसके बाद अब उनकी तरफ से कुछ पैरवी हुई तो कोर्ट में उनकी बेल के लिए पेश हुए। मगर कोर्ट द्वारा बेल का निर्णय आगामी 2 जनवरी तक रोक दिया गया।

अब उनके पति गोसाईगंज सेंट्रल जेल में है और वे अकेले बीमार हालत में अपने 14 साल के बेटे के साथ घर में 2 दिन से डरी सहमी रह रही हैं। उन्हें यह प्रबल आशंका हो रही है कि जिस निवास में वे लोग रह रहे हैं, इसका वाद विवाद कोर्ट में विचाराधीन है। यह कि जमीन को लेकर उन्हें कोर्ट की तरफ से स्टे आर्डर भी मिला हुआ है। इसके तहत मकान के बाहर उन लोगों ने पहले से ही एक सार्वजनिक जानकारी दे रखी है। ऐसे में प्रार्थनी की पुलिस और प्रशासन से गुहार है कि उनको और उनके बेटे को समुचित सुरक्षा मुहैया कराई जाए। उन्हें आशंका है कि बीते 2 दिनों से उनके घर की कुछ अनजान लोगों द्वारा रेकी की जा रही है। ऐसे में एक तो उनकी और उनके मासूम बेटे को जान माल का खतरा है और साथ ही इसकी प्रबल आशंका है की अराजक तत्वों द्वारा उनके निज निवास मकान पर अवैध कब्जा भी किया जा सकता है। इस पूरे प्रकरण में कहीं ना कहीं उन्हें क्षेत्रीय पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध लग रही है।

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