अपराध समीक्षाउत्तर प्रदेशपुलिसबलरामपुरराज्य

डाक्टर न कर्मचारी, कैसे दूर हो बेजुबानों की बीमारी?

बघेलखंड जनकपुर व नेवलगढ़ गांव के पशु अस्पतालों में रहता सन्नाटा वर्षो से नहीं आ रहे डाक्टर-कर्मचारी।

बलरामपुर।

विकास खंड गैंसड़ी के बघेलखंड, जनकपुर, नेवलगढ़ गांव में बने पशु अस्पतालों में वर्षो से डाक्टर व कर्मचारी नहीं आ रहे हैं। पशुपालकों को चिकित्सकों व कर्मियों के बारे में जानकारी नहीं है। ऐसे में, वह बीमार पशुओं का इलाज झोलाछाप से कराने को विवश हैं। बिना डिग्री व प्रशिक्षण के इलाज कर रहे लोग महंगा इलाज करने के साथ पशुओं की जान जोखिम में डाल देते हैं।

पशु चिकित्सालय बंद तो कहीं दबंगों का कब्जा:

ग्राम पंचायत बघेलखंड, जनकपुर, नेवलगढ़ में बना पशु चिकित्सालय खुद बीमार हैं। बघेलखंड अस्पताल बंद रहता है। जनकपुर में बना राजकीय पशु अस्पताल पर दबंगों ने कब्जा कर लिया है। इसमें भूसा रखा जा रहा है। ग्रामीण अपने मवेशी भी बांधते हैं। नेवलगढ़ राजकीय पशु अस्पताल की जमीन पर भी दबंगों ने कब्जा कर लिया है। सभी पशु चिकित्सालय के भवन जर्जर हैं। अस्पताल की जमीन पर लहसुन धनिया की खेती की जा रही है।

क्षेत्रवासी तिलकराम, राम बहादुर, श्याम, अखिलेंद्र का कहना है कि डाक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों के न आने से पशुपालकों को झोलाछाप डाक्टरों का सहारा लेना पड़ता है। जिसके चलते कई बार सही इलाज न मिलने के कारण पशुओं की जान तक चली जाती है।

कर्मचारियों की कमी के कारण बंद रहते अस्पताल:

पशु चिकित्साधिकारी डा. आरके सिंह ने बताया कि इस समय वह बाढ़ ड्यूटी में हैं। कर्मचारी कम होने के कारण पशु अस्पताल बंद रहते हैं। जननी सुरक्षा योजना में लगा भ्रष्टाचार का घुन, दौड़ रहे लाभार्थी।

ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।
ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।
ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button