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चाणक्य नीति: पति और पत्नी के रिश्ते में ये बातें, तनाव और कलह में वृद्धि करती हैं

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Chanakya Niti in Hindi: चाणक्य नीति व्यक्ति को बेहतर बनने के लिए प्रेरित करती है. चाणक्य की गिनती भारत के श्रेष्ठ विद्वानों में की जाती है. मनुष्य को प्रभावित करने वाले प्रत्येक विषय का चाणक्य ने बहुत ही गहराई से अध्ययन किया था. चाणक्य ने अपने ज्ञान और अनुभव से पाया कि रिश्तों के मामले में व्यक्ति को गंभीर और संवेदनशील होना चाहिए.

चाणक्य के अनुसार पति-पत्नी का रिश्ता सबसे मजबूत रिश्तों में से एक है. इस रिश्ते की गरिमा और मर्यादा का विशेष ध्यान रखना चाहिए. इस रिश्ते को तनाव और कलह से दूर रखने का प्रयास करना चाहिए. तनाव और कलह इस रिश्ते को कमजोर करते हैं. इसलिए इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए-

संवादहीनता- पति और पत्नी के रिश्ते में संवादहीनता की स्थिति नहीं होनी चाहिए. इससे रिश्ते में कमजोर आती है. पति और पत्नी के रिश्ते में सुखद माहौल में बातचीत का क्रम जारी रहना चाहिए. संवादहीनता किसी भी रिश्ते के लिए अच्छी नहीं मानी गई है. 

एक दूसरे के सम्मान का ध्यान रखें- पति-पत्नी के रिश्ते में एक दूसरे के आदर और सम्मान का ध्यान रखना चाहिए. जब इस रिश्ते में आदर और सम्मान की कमी आती है तो इस रिश्ते में तनाव और कलक की स्थिति बनती है. 

प्रेम और समर्पण- सुखद दांपत्य जीवन के लिए प्रेम और समर्पण का भाव अत्यंत आवश्यक है. जब इन दोनों की कमी आती है तो दांपत्य जीवन में दिक्कतें आना आरंभ हो जाती हैं, जो बाद में तनाव और कलह की स्थिति को जन्म देती हैं. 

महत्वपूर्ण कार्यों में एक दूसरे की राय लें- दांपत्य जीवन को सुखद बनाने की जिम्मेदारी किसी एक की नहीं होती है. इस रिश्ते को मजबूत बनाने की जिम्मेदारी पति और पत्नी की ही होती है. महत्वपूर्ण विषयों में एक दूसरे की राय का ध्यान अवश्य रखना चाहिए. ऐसा न करने से भी कलह और तनाव की स्थिति पैदा होती है. 

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