उन्नाव

फ्लोराइड उगल रहे गांवों के हैंडपंप

उन्नाव।

जिले के ग्रामीण इलाकों के लोग फ्लोराइड युक्त दूषित पानी पीने के लिए मजबूर हैं. कई बार फ्लोराइड युक्त निकल रहे पानी के हैंडपंपों का सर्वे भी कराया था. उन्हें चिन्हित भी किया गया था, उसके बावजूद भी ग्रामीणों के लिए शुद्ध पानी का उचित प्रबंध नहीं किया जा सका। बता दें कि बिछिया लोन नदी के किनारे बसे आधा दर्जन गांवों में हैंडपंप फ्लोराइड उगल रहे हैं।

दो वर्ष पहले विभागीय अधिकारियों ने बड़ौरा गांव के हैंडपम्पों पर लाल निशान लगवाकर गांव में फ्लोराइड रहित टंकीया बनवाने का वादा किया था। लेकिन आज भी ग्रामीण दूषित पानी पीने को मजबूर हैं।

दरअसल जिले से सटे दही चौकी औद्योगिक क्षेत्र से गुजरी लोन नदी के प्रदूषित जल से चांदपुर, दुआ, जमुक़ा, बड़ौरा, जरगांव, पड़री कला, पड़री खुर्द और जगेथा गांवों में दूषित पानी आ रहा है।

दो वर्ष पहले बड़ौरा गांव के हैंडपम्पों लाल निशान लगाकर अधिकारियों ने ग्रामीणों से फ्लोराइड रहित टंकी बनवाने का आश्वासन दिया था।

अधिकारियों ने कुछ गांवों में टेस्टिंग किट से हैंडपम्पों के पानी की जांच में फ्लोराइड की मात्रा मिलने पर शुद्ध पानी के लिए गांव में गहरी बोरिंग के अलावा टंकी बनवाने का आश्वासन दिया था।

इसके बावजूद भी लोग आज भी प्रदूषित पानी पीने को मजबूर हैं. क्षेत्रीय लोगो में राम शंकर मिश्रा, उमेश तिवारी, धीरज चौरसिया, रामू सिंह ने कहा कि हम लोग टंकी न बनने से प्रदूषित पानी पीने को मजबूर हैं, जिसका असर हमारी सेहत पर भी पड़ सकता है।

ब्यूरो रिपोर्ट- हरीश गुप्ता।

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