डीएम की सख्ती बेअसर
बलरामपुर ।
नवागत जिलाधिकारी की सख्ती के बाद भी पशु आश्रय स्थलों के हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। इक्का-दुक्का आश्रय स्थलों पर माननीय व बीडीओ गायों का पूजन कर फोटोग्राफी कराते जरूर नजर आ रहे हैं।
आलम यह है कि बदहाल पशु आश्रय स्थलों की मरम्मत कराने में जिम्मेदार दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। यही नहीं, अधिकांश गोशालाओं में पर्याप्त चारा व पानी का इंतजाम नहीं है। ऐसे में बेसहारा बेजुबान भूख-प्यास से बेहाल सड़कों पर निकलने को बेबस हैं। कागजों में पाले जा रहे 32 गोवंश : -महराजगंज तराई : तुलसीपुर के मैनहवा गांव में बना गोसेवा केंद्र पर पशु मिले और न कोई इंतजाम। केंद्र पर पशुओं के लिए हरा चारा व पोषाहार नहीं है। एक कमरे में सूखा भूसा पड़ा मिला।
कागज में यहां 32 गोवंश दर्ज हैं, जबकि पशु आश्रय स्थल की क्षमता 25 मवेशी की है। मवेशियों के लिए पांच नादे बनाए गए हैं, जहां पशुओं को बैठने की व्यवस्था है। सफाई व रोशनी की व्यवस्था नहीं है। चहारदीवारी भी नहीं बनाई गई है। बीडीओ संजय श्रीवास्तव ने बताया कि जानकारी नहीं है।
सड़कों पर ही टहल रहे बेसहारा जानवर : -हर्रैया सतघरवा : विकास खंड के धामाचौरी, गुगौली, सहियापुर, कटकुइंया, हिंडुलीकला, तुरकौलिया, भितवरिया कला, सिरैहिया व जिला पंचायत से मथुरा बाजार, हरैया के काजी हाउस में गो आश्रय केंद्रों का संचालन हो रहा है। बावजूद इसके बेसहारा पशुओं का झुंड बरदौलिया, शिवपुरा, ललिया, चौधरीडीह, मथुरा बाजार, कोड़री, सिंहपुर में सड़कों पर रहता है।
जिम्मेदार अफसरों के ध्यान न देने से खेतों में लगे धान, मक्का, सब्जी, गन्ने की फसल को बेसहारा जानवर चट कर रहे हैं। राम मनोहर, सुरेश कुमार, ओमप्रकाश, रामदेव ने बताया कि पशु आश्रय स्थलों में इंतजाम न होने से बेसहारा गोवंश सड़कों पर टहलते नजर आ रहे हैं। खामियां मिलने पर नपेंगे जिम्मेदार : डीएम डा. महेंद्र कुमार का कहना है कि गो आश्रय स्थलों के रखरखाव के साथ चारा-भूसा भंडारण के निर्देश दिए गए हैं। निरीक्षण के दौरान खामियां मिलने पर संबंधित के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
