उत्तर प्रदेश

आज़म खान का 45 साल पुराना किला भाजपा ने जीत लिया

आज़म खान उस क्षेत्र की सियासत में अछूत हो गए हैं जहां नवाबों की राजनीति को उन्होंने चुनौती दी थी,जहां भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवार चुनाव लड़ने से डरते थे और जहां आज़म खान ने राजनीति की एक नई दुनिया बनाई थी,आज आज़म खान उसी रामपुर में चुनाव नहीं लड़ सकते,और न ही वोट कर सकते हैं…

वक़्त दुनिया की सबसे बड़ी मिसाल है,जिसमें सब कुछ बदलने की ताकत होती है। इसकी आज की सबसे बड़ी मिसाल हैं आज़म खान पूर्व विधायक, पूर्व राज्यसभा/लोकसभा सांसद पूर्व केबिनेट मंत्री और उत्तर प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष,जिनके जलवे रामपुर से लखनऊ और लखनऊ से लेकर दिल्ली तक देखने और सुनने मिल जाना मामूली बात होती थी।

आज़म खान शायद भारतीय राजनीति के इतिहास के सबसे पुराने मुस्लिम नेता हैं,और शायद सबसे बड़े मुस्लिम नेता भी जिनका रुतबा बड़े बड़े नेताओं ने देखा है,क्या मंत्री, क्या विधायक और क्या सांसद आज़म खान उनके लिए “लेजेंड” थे जिनका एक फोन लखनऊ में बैठी सरकार को हिला कर रख देता था,और आज़म खान अपने गृह क्षेत्र रामपुर में वोट भी नहीं डाल सकते हैं।

आज़म खान का वो रुतबा था कि अगर उनकी नाराज़गी का पता मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पता चल गया तो वो उन्हें मनाने जाया करते थे,उन्हें सुपर मुख्यमंत्री तक जैसी बातें कही जाती थी लेकिन वक़्त की रेत हाथ से फिसल गई और ऐसी फिसली की आज़म अब खाली हाथ हैं।

आज की मौजूदा स्थिति में आज़म खान या उनका परिवार 45 सालों के इतिहास में पहली बार रामपुर विधानसभा से चुनाव में नहीं है, आज़म खान की विधायकी चली गयी,लोकसभा से उन्होंने इस्तीफा दे ही दिया था हद तो ये हो गयी रामपुर चुनाव अधिकारी के मुताबिक वो अपनी ही विधानसभा में वोट भी नहीं डाल पाएंगे और अब उनकी विधानसभा की सीट से सपा उम्मीदवार भी चुनाव हार गए।

अर्श से फर्श तक का ये सफर ऐसा एग्जाम्पल है जिसने बड़े बड़े नेताओं को सबक दिया है,एक वक्त था जब आज़म खान की धमक राष्ट्रीय से लेकर क्षेत्रीय राजनीति में देखने को मिलती थी,एक वक्त था जब मुख्यमंत्री से लेकर केंद्रीय सरकारें तक उनका लोहा मानती थी लेकिन अब..

वक़्त राजनीति में सब कुछ बदल देता है…

ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।
ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button