यूनानी अस्पतालों को मिलेगा अपना भवन
बलरामपुर ।
किराए व जर्जर बिल्डिंग में चल रहे चार नगरीय समेत जिले के 12 आयुर्वेदिक एवं यूनानी अस्पतालों को अब अपना भवन देने की तैयारी तेज हो गई है। इन अस्पतालों के लिए स्वास्थ्य विभाग व पंचायत विभाग ने मिलकर जमीन की तलाश शुरू कर दी है।
आयुर्वेदिक इलाज पद्धति में अधिकाधिक भरोसा पैदा करने के लिए नगर के चारों तरफ आयुर्वेदिक अस्पताल स्थापित हैं। पूरब में नहर बालागंज, उत्तर में पुरैनिया, दक्षिण में बहादुरापुर व पश्चिम में हरिहरगंज आयुर्वेदिक अस्पतालों का संचालन किराए के भवनों में हो रहा है।
इन अस्पतालों में प्रतिदिन 30 से 35 मरीजों की ओपीडी रहती है, लेकिन चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों के बैठने व दवाओं के रखने की अच्छी व्यवस्था न होने से मरीज इलाज पद्धति में भरोसा होने के बाद भी अस्पताल नहीं आना चाह रहे है।
यही नहीं चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी भी इन अस्पतालों में योगदान व ड्यूटी करने से कतराते हैं। बेहतर होंगी आयुर्वेदिक इलाज पद्धति की सेवाएं : नगर के चारों हरिहरगंज, पुरैनिया, नहर बालागंज व बहादुरापुर आयुर्वेदिक अस्पतालों को अपना भवन मिलने से स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर होने की उम्मीद जगी है।
इनके अलावा मोतीपुर, बनकटवा, रतनपुर, भगवानपुर, फरेदा,गौरा चौराहा,नेवलगंज व रेहरा बाजार में भी आयुर्वेदिक अस्पताल निर्माण के लिए जमीन तलाशी जा रही है। क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डा. दिग्विजयनाथ ने बताया कि पुरैनिया मुहल्ले में अस्पताल निर्माण के लिए नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष से जमीन की मांग की जाएगी। इनके अलावा अन्य अस्पतालों के प्रभारी चिकित्साधिकारियों व फार्मासिस्टों को जिम्मेदारी दी गई है कि वह अपने गांव के प्रधान से संपर्क कर गांव में खाली पड़ी जमीन का प्रस्ताव दिलाएं। जमीन का प्रस्ताव मिलते ही आयुर्वेदिक विभाग इन अस्पतालों के भवन निर्माण की तैयारी शुरू कर देगा।
