उद्यान निदेशक ने आलू की फसल में पिछेता झुलसा बीमारी के प्रबंधन के बताये उपाय
लखनऊ।
निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण डा आर के तोमर आलू फसल के किसानों को सलाह देते हु कहा है कि प्रदेश के वर्तमान मौसम में लगातार तापमान में कमी हो रही है । यदि मौसम में अधिक आर्द्रता तथा सूर्य के प्रकाश में कमी हो, तो यह स्थिति आलू फसल की पिछेता झुलसा बीमारी के लिए अनुकूल है। इस परिस्थति में जब किसान भाइयों की आलू की फसल में पिछेता झुलसा बीमारी प्रकट नहीं हुई है, वह कृषक फसल की सुरक्षा हेतु मेन्कोजेब या प्रोपीनेब या क्लोरोथॅलोनील युक्त फंफूंदनाशक दवा का 2.0-2.5 किग्रा0 दवा 1000 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर छिड़काव तुरन्त करें। जब खेतों में बीमारी आ चुकी हैं, उनमें किसी भी सिस्टमिक फंफूदनाशक- साइमोक्सानिल+ मेन्कोज या फोमिडो+मेन्कोजेब या डाइमे थोमार्फ+मेन्कोजब का 0.3 प्रतिशत ( 3.0 किग्रा प्रति हेक्टेयर
1000 लीटर पानी में ) की दर से
छिडकाव करें।
