नामचीन मौलाना और ऊँची जाति के मुस्लिम सांसद का बयान शोशल मीडिया में वायरल मुसलमानो की बदहाली
लखनऊ,
पसमांदा मुस्लिम समाज के संस्थापक व राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी ने कहा कि लखनऊ के एक नामचीन मौलाना और ऊँची जाति के मुस्लिम सांसद का बयान शोशल मीडिया में वायरल हो रहा है मौलाना कहते हुए नज़र आरहे हैं ( पसमांदा और अशराफ का इस्लाम में कोई कॉन्सेप्ट नहीं है इस्लाम में कोई छोटा बडा नहीं है सभी मुसलमान बराबर हैं।)
अनीस मंसूरी ने कहा कि बेशक इस्लाम में पसमांदा और अशराफ कोई कॉन्सेप्ट नहीं है, मैं भी मानता हूं, मेरे ईमान का भी हिस्सा है, इस्लाम में सब बराबर है यही हमारा ईमान है, इस्लाम में तो यह है लेकिन मुसलमानो में नहीं है, मेरी लड़ाई धार्मिक नहीं है मेरी लड़ाई सामजिक है जहां अशराफ (ऊँची ज़ात ) मुसलमानो ने पसमांदा मुसलमानो को किसी भी क्षेत्र में बराबरी का दर्जा नहीं दिया बल्कि उनका शोषण किया जो लोग सब मुसलमानो की बराबरी की वकालत कर रहे हैं उनको मुसलमानो की पसमांदगी कभी नज़र नहीं आयी।
अनीस मंसूरी ने कहा कि पसमांदा मुसलमानो की बदहाली को लेकर समाज में फैली भेदभाव की नीति पर काका कलेनकर आयोग, रंगनाथ मिश्र कमीशन, जस्टिस राजिंन्द्र सच्चर कमीटी, ने अपनी रिपोर्ट के ज़रिये मोहर लगाई है यही नहीं अभी हाल में ही देश के माननीय प्रधानमंत्री जी ने पसमांदा मुसलमानो की बदहाली को लेकर के कई बार गहरी चिंता जताई है जो इस बात को साबित करती है कि देश में 85%आबादी वाले पसमांदा मुसलमानो के हालात बद से बदतर हैं।
अनीस मंसूरी ने कहा कि 15 सालों के लम्बे संघर्ष के बाद जब हमने पसमांदा मुसलमानो की समस्याओं को लेकर के देश में जब जन आंदोलन खड़ा किया तो जमींदारी सोच रखने वाली राजनैतिक पार्टियों और उन पार्टियों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शामिल सरकारी मौलानाओं के पेट में दर्द हो रहा है।
अनीस मंसूरी ने कहा कि जब पसमांदा मुसलमान अपना हक़ पाने के क़रीब होते हैं तो पसमांदा दुश्मन सोच के लोग इस्लाम की दुहाई देकर हमारे आंदोलन को कमज़ोर करने का प्रयास करते हैं।
अनीस मंसूरी ने कहा की जब पंडित जवाहर लाल नेहरू की सरकार संविधान सभा में आरक्षण को ख़त्म करने की बात कर रहे थे तो बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर ने दलितों के आरक्षण ख़त्म करने का विरोध किया उस वक़्त सरदार वल्लभ भाई पटेल ने पिछड़ों के आरक्षण खत्म करने का विरोध किया लेकिन संविधान सभा में मौजूद मुसलमानो ने दलित मुसलमानो और पिछड़े मुसलमानो के आरक्षण पर खामोश क्यों थे,
मैं मौलाना साहब से कहना चाहता हूं कि अगर सब मुसलमान बराबर हैं तो ऐशबाग़ ईदगाह का इमाम किसी पसमांदा मुसलमान को क्यों नहीं बना देते?
इस अवसर पर हाजी नसीम अहमद राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष, हाजी शब्बन , ऐजाज़ अहमद एडवोकेट, पप्पू कुरैशी, इमरान अहमद मिर्ज़ा, फ़ाज़िल अंसारी के अलावा काफी लोग मौजूद थे.
