उत्तर प्रदेश

*संघर्ष दिवस के रूप में मनाया गया डॉ. रामदास आठवले का जन्मदिन*

रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) के प्रदेश कार्यालय में राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री, भारत सरकार का जन्मदिन संघर्ष दिवस के रूप में मनाया गया। इस दौरान आरपीआई योद्धाओं ने केक काटकर राष्ट्रीय अध्यक्ष का जन्मदिन मनाया। साथ ही लखनऊ महानगर कार्यालय ने डॉ. रामदास आठवले का बर्थडे मनाया गया।

आरपीआई के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष पवन भाई गुप्ता ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रामदास आठवले जी ने हमेशा शोषित, वंचित, पिछड़े सहित अन्याय का शिकार हर वर्ग की आवाज उठाई है। उनका जीवन संघर्षों से भरा पड़ा है। जातिगत भेदभाव के ख़िलाफ़ आंदोलन से शुरू हुआ उनके संघर्ष का सफ़र हर अंबेडकरवादी के लिए प्रेरणा है।

पवन भाई गुप्ता ने कहा कि आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों के बावजूद, उन्होंने अपने जीवन में दृढ़ संकल्प और मेहनत के बल पर सफलता हासिल की। डॉ. आठवले को बचपन से ही जातिगत भेदभाव का सामना करना पड़ा। उन्होंने इन चुनौतियों का सामना करते हुए शिक्षा प्राप्त की और समाज में बदलाव लाने का संकल्प लिया।

पवन भाई गुप्ता ने कहा कि डॉ. आठवले ने दलितों, पिछड़े और अन्याय का शिकार हर वर्ग के अधिकारों के लिए संघर्ष करते हुए राजनीति में कदम रखा। 1990 में वे महाराष्ट्र सरकार में मंत्री बने और 1998 में सांसद बने और संसद में सामाजिक न्याय की आवाज़ बुलंद की।बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के बताये रास्ते पर चलकर उन्होंने सामाजिक न्याय की आवाज उठाई, जिसमें उन्हें कई बार विरोध और आलोचना का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपने उद्देश्य के प्रति अडिग रहे। उनका जीवन संघर्ष हम सबको सिखाता है कि कठिन परिस्थितियों के बावजूद, अपने उद्देश्य के प्रति समर्पण और मेहनत से हर चुनौती पर विजय प्राप्त की जा सकती है। उनके संघर्ष और उपलब्धियां देश के हर व्यक्ति के लिए प्रेरणा हैं।

*पूरे प्रदेश में संघर्ष दिवस के रूप में मना जन्मदिन*

पवन भाई गुप्ता ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रामदास आठवले का जन्मदिन पूरे उत्तर प्रदेश में संघर्ष दिवस के रूप में मनाया गया। हर जिले में आरपीआई पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह संविधान चर्चा आयोजित कर संघर्षनायक को जन्मदिन की शुभकामनाएँ दी।

पवन भाई गुप्ता ने कहा कि राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के हर जिले में संघर्षनायक के जीवन चरित्र को दिखाते हुए उनके संघर्षों के दौर की बहुत पुरानी तस्वीर के साथ उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी गयी।

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