उत्तर प्रदेश

डॉ0 रामाशीष राय प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय लोकदल की प्रेस वार्ता के मुख्य अंश

राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अधिवेशन में 2000 से अधिक प्रतिनिधि होंगे शामिल।

लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल का राष्ट्रीय अधिवेशन आगामी 16 नवम्बर 2025 (रविवार) को मथुरा में भव्य रूप से आयोजित किया जा रहा है। इस ऐतिहासिक अधिवेशन में उत्तर प्रदेश के 2000 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे। अधिवेशन में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की घोषणा होगी।
राष्ट्रीय लोकदल का यह अधिवेशन संगठन की मजबूती और आगामी राजनीतिक दिशा तय करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। अधिवेशन में प्रदेश भर से आए पदाधिकारी, जिला अध्यक्ष, वरिष्ठ नेता, युवा प्रकोष्ठ, महिला प्रकोष्ठ एवं किसान प्रकोष्ठ के प्रतिनिधि भाग लेंगे।

राष्ट्रीय लोकदल का सदस्यता अभियान 14 अप्रैल 2025 (अम्बेडकर जयंती) से प्रारंभ होकर 31 अक्टूबर 2025 (सरदार पटेल जयंती) तक पूरे प्रदेश में जोरशोर से चलाया गया। इस अभियान में युवा, किसान, महिलाएं, पिछड़े, अति पिछड़े, दलित और समाज के सभी वर्गों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

पार्टी संगठन के अथक प्रयासों और कार्यकर्ताओं की मेहनत से यह अभियान एक व्यापक जनांदोलन में बदल गया। परिणामस्वरूप पूरे उत्तर प्रदेश में लगभग 65 लाख से अधिक लोगों ने राष्ट्रीय लोकदल की सदस्यता ग्रहण की। यह अभियान पार्टी के इतिहास का अब तक का सबसे सफल अभियान रहा, जिसने यह स्पष्ट कर दिया कि प्रदेश की जनता अब परिवर्तन चाहती है और जयन्त चौधरी के नेतृत्व में नई राजनीतिक दिशा देख रही है।
राष्ट्रीय अधिवेशन में वर्ष 2027 के पंचायत चुनाव तथा 2027 के विधानसभा चुनावों की रूपरेखा एवं रणनीति पर व्यापक चर्चा की जाएगी। पार्टी नेतृत्व द्वारा पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश, मध्य उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड जैसे सभी क्षेत्रों में संगठन को मजबूत करने की दिशा में ठोस निर्णय लिए जाएंगे। संगठन विस्तार, बूथ सुदृढ़ीकरण, स्थानीय नेतृत्व का सशक्तिकरण तथा युवाओं की भागीदारी बढ़ाने जैसे विषयों पर भी अधिवेशन में महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए जाएंगे। यह अधिवेशन पार्टी के आगामी राजनीतिक अभियान की दिशा तय करेगा।

राष्ट्रीय लोकदल ने वर्ष 2026 को “चुनावी वर्ष” (Election Year) के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इस अवधि में पार्टी संगठन को नई ऊर्जा और दिशा देने के लिए चरणबद्ध कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इसमें मंडल, जिला एवं ब्लॉक स्तर पर बैठकें, प्रशिक्षण शिविर और जनता के बीच संवाद कार्यक्रम शामिल होंगे।
अधिवेशन में यह भी चर्चा होगी कि किस प्रकार राष्ट्रीय लोकदल के संगठन को गांव-गांव और जन-जन तक पहुंचाया जाए। राष्ट्रीय लोकदल का उद्देश्य है कि किसानों, नौजवानों, महिलाओं और मजदूरों की आवाज़ को और अधिक प्रभावी ढंग से उठाया जाए।
अधिवेशन में कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय की उपलब्धियों और सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में जानकारी साझा की जाएगी। यह बताया जाएगा कि किस प्रकार राष्ट्रीय लोकदल किसानों, युवाओं और रोजगार सृजन के लिए लगातार कार्य कर रहा है।
साथ ही अधिवेशन में किसानों के कल्याण से संबंधित प्रस्ताव भी पारित किए जाएंगे। इसमें गन्ना किसानों के हित, फसल लागत का उचित मूल्य, सिंचाई एवं कृषि उपकरणों पर रियायत, और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने जैसे विषय प्रमुख रहेंगे।
राष्ट्रीय लोकदल का यह अधिवेशन न केवल संगठनात्मक दृष्टि से बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी मील का पत्थर सिद्ध होगा। यह कार्यक्रम आने वाले चुनावों की दिशा और पार्टी के जनाधार को मजबूत करने की दिशा में एक नई शुरुआत साबित होगा।

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