यूपी : प्रदेश में मिले 24 नए कोरोना मरीज, सीएम योगी ने कप्तान और डीएम को दिए सख्त निर्देश
सीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव कार्यालय के साथ-साथ एसीएस होम, डीजीपी स्तर से इस व्यवस्था की सतत मॉनीटरिंग की जाए। जनता दर्शन से अनुपस्थित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
प्रदेश के 33 जिलों में अब कोई भी एक्टिव केस नहीं है। इन जिलों को कोरोना मुक्त घोषित किया जा चुका है। इसी तरह 22 जिलों में एक-एक एक्टिव केस हैं। इस तरह अब कुल एक्टिव केस की संख्या 159 रह गई है। शुक्रवार को 24 नए मरीज मिले हैं। रायबरेली में एक संक्रमित की मौत हुई है। आगरा, अलीगढ़, अमेठी, अमरोहा, बागपत, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, चन्दौली, चित्रकूट, एटा, फर्रुखाबाद, फतेहपुर, गाजीपुर, गोंडा, हमीरपुर, हापुड़, हरदोई, हाथरस, जालौन, कानपुर देहात, कासगंज, लखीमपुर-खीरी, ललितपुर, महोबा, मैनपुरी, मुजफ्फरनगर, रामपुर, संतकबीरनगर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, सीतापुर और उन्नाव में कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। यह जनपद आज कोविड संक्रमण से मुक्त हैं।
प्रदेश में अब तक 10 करोड़ 68 लाख 44 हजार 658 कोविड वैक्सीन डोज लगाए जा चुके हैं। 8 करोड़ 61 लाख लोगों ने टीके की पहली डोज प्राप्त कर ली है। यह टीकाकरण के लिए पात्र प्रदेश की कुल आबादी के 58 फीसदी से ज्यादा है। 02 करोड़ से अधिक लोगों ने टीके की दोनों डोज प्राप्त कर ली है। विगत दिवस 08 लाख 77 हजार लोगों को टीकाकवर मिला। सितम्बर माह में अब तक सवा तीन करोड़ से अधिक डोज लगाई जा चुकी है। दूसरे डोज के लिए पात्र लोगों को समय से टीकाकवर दिया जाए। वैक्सीन की उपलब्धता बनाए रखने के लिए भारत सरकार से सतत संवाद-संपर्क बनाए रखें।
जिलाधिकारी/पुलिस कप्तान प्रत्येक दशा में हर दिन सुबह 10 से 12 बजे तक कार्यालयों में उपस्थित रहकर जन समस्याओं/शिकायतों का समाधान करें। मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव कार्यालय के साथ-साथ एसीएस होम, डीजीपी स्तर से इस व्यवस्था की सतत मॉनीटरिंग की जाए। जनता दर्शन से अनुपस्थित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
डेंगू, डायरिया आदि वायरल बीमारियों के दृष्टिगत साफ-सफाई, फॉगिंग, सैनीटाइजेशन पर विशेष ध्यान दिया जाए। पीने का पानी गर्म करके छानने के बाद पीने के लिए लोगों को जागरूक करें। दवाओं का वितरण जारी रखा जाए।
अवैध गतिविधियों में संलिप्त भष्ट आचरण के लोगों के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस में कोई स्थान नहीं होना चाहिए। ऐसे लोगों को चिन्हित कर सूची तैयार की जाए। सभी के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही होगी। अति गंभीर अपराधों में लिप्त पुलिस अधिकारियों/कार्मिकों की बर्खास्तगी की जाए।