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दिल्ली में सुपर-30 पर भारी जामिया मिल्लिया की तैयारी

संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में जामिया मिल्लिया इस्लामिया का जलवा बरकरार है। इसकी आवासीय कोचिंग अकादमी (आरसीए) ने हाशिए पर रहने वाले समुदायों के युवाओं का सिविल सेवा में जाने का सपना साकार किया है। अकादमी से तैयारी कर अल्पसंख्यक, महिलाओं और एससी/एसटी समुदाय के 31 प्रतिभागियों ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2023 में कामयाबी हासिल की है।

जामिया के नतीजों ने बिहार के सुपर-30 की चमक को फीका कर दिया है। अकादमी की स्थापना के बाद से यहां तैयारी करने वाले 300 से ज्यादा प्रतिभागियों का सिविल सेवाओं के लिए चयन हुआ है। राज्यों की सिविल सेवाओं को मिलाकर इनकी संख्या 600 पार चली गई है। देश की सबसे प्रतिष्ठित और कठिन यूपीएससी की परीक्षा में बीते दस सालों से कामयाबी के झंडे गाड़ने के पीछे की अपनी वजहें भी हैं। प्रतिभागी स्वीकार करते हैं कि कैंपस के भीतर का अनौपचारिक माहौल कामयाबी में मददगार साबित हुआ है।

2021 में दाखिला लेकर इस साल कामयाबी हासिल करने वाले आतिफ वकार बताते हैं कि अकादमी की जो चीज दूसरी किसी भी जगह नहीं मिल सकतीं, वह है यहां का माहौल है। इसमें औपचारिक कक्षाएं, फार्मल टेस्ट सीरीज तो चलती ही रहती हैं, आपस में जूनियर व सीनियर के पांच-पांच, छह-छह के ग्रुप और उनके बीच हर दिन, हर पल होने वाली चर्चाएं बेहद मददगार साबित होती हैं।

वहीं, इनहाउस टेस्ट भी होता है। इसमें सभी को हर दिन एक घंटे सात सवालों के जवाब देने होते हैं। इसके बाद ग्रुप के बीच जवाब पर चर्चा भी हो जाती है। इससे रीयल टाइम में प्रतिभागी की कमजोरी व मजबूती पता चलती रहती है।

 

अकेले यूपीएससी में 300 से अधिक सेलेक्शन
अकादमी की स्थापना 2010-11 में हुई थी। बीते 12 सालों में अकादमी में कोचिंग लेने वाले करीब 300 प्रतिभागियों ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की है। सिविल सेवा परीक्षा 2021 में ऑल इंडिया रैंक एक हासिल करने वाली श्रुति शर्मा ने आरसीए से ही पढ़ाई की थी। वहीं, अलग-अलग राज्यों की सिविल सेवाओं में भी इतनी ही संख्या में प्रतिभागी पास हुए हैं। मसलन, 2022 में उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड की सिविल सेवाओं में 28 प्रतिभागी कामयाब हुए।

आरसीए का मकसद
यूजीसी के दिशा-निर्देशों के तहत कोचिंग सेंटर की स्थापना का मकसद महिलाओं, अल्पसंख्यकों, एससी/एसटी और विकलांग लोगों को ट्रेनिंग देकर अंतर को पाटना है। कोचिंग मुफ्त में दिलाई जाती है। भोजन और आवास की सुविधा के लिए हर महीने 2,500 रुपये और हॉस्टल के रखरखाव के लिए 1,000 रुपये का भुगतान करना पड़ता है। केंद्र में पूर्व सरकारी सलाहकारों, नौकरशाहों, प्रोफेसर समेत करीब 35 गेस्ट फैकल्टी मेंबर हैं। यहां लगभग 20 फीसदी छात्र आमतौर पर कमजोर वर्गों से होते हैं। इन्हें पांच लाख रुपये और दस लाख रुपये की स्कॉलरशिप की पेशकश की जाती है।

कोचिंग सुविधा फ्री, जून-जुलाई में प्रवेश परीक्षा
इस साल की दाखिला प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह प्रक्रिया 19 जून तक चलेगी। फ्री कोचिंग का लाभ केवल अल्पसंख्यक, एससी, एसटी और महिला वर्ग के उम्मीदवारों को ही मिल सकता है। स्नातक डिग्री रखने वाले छात्र प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते हैं। दो पालियों में परीक्षा 29 जून को होगी। इसमें सामान्य अध्ययन और निबंध लेखन के प्रश्न पत्र होंगे। सामान्य अध्ययन के सवाल ऑब्जेक्टिव टाइप के होंगे। प्रवेश परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग का भी प्रावधान है। गलत जवाब देने पर एक चौथाई अंक काट लिए जाते हैं। 29 जुलाई से 12 अगस्त के बीच ऑन लाइन इंटरव्यू होगा। 14 अगस्त को दाखिले का फाइनल रिजल्ट आएगा। कक्षाएं 30 अगस्त से शुरू होंगी।

हर साल 100 दाखिले
हर साल 100 दाखिले होते हैं। वहीं, पिछले सालों के वह बच्चे भी रहते हैं, जिनकी तैयारी बेहतर है, लेकिन उनका फाइनल चयन नहीं हो सका है। साथ ही कुछ अपनी रैंक सुधारने के लिए भी तैयारी करते हैं। इससे संख्या 250 के करीब हो जाती है।

ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।
ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।

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