कश्मीर: पत्थरबाजों पर एक्शन, अब न मिलेगा पासपोर्ट और न मिलेगी सरकारी नौकरी
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श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने रविवार को पत्थरबाजों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। अब यहां पत्थरबाजी जैसी गतिविधियों में शामिल होने वालों को न तो सरकारी नौकरी मिलेगी और न ही इन्हें पासपोर्ट मिल सकेगा। ऐसे लोगों के पासपोर्ट का वेरिफिकेशन नहीं किया जाएगा। इस संबंध में कश्मीर सीआईडी ने एक सर्कुलर जारी किया है, जिसमें ऐसे लोगों को सिक्योरिटी क्लियरेंस न दिए जाने की बात कही गई है। यह सर्कुलर जम्मू-कश्मीर सीआईडी की विशेष शाखा के एसएसपी ने जारी किया है।
सर्कुलर में कहा गया है कि पासपोर्ट, सरकारी नौकरी या सरकारी योजनाओं से जुड़े मामलों में किसी व्यक्ति की सिक्योरिटी क्लियरेंस की रिपोर्ट तैयार की जाए, तो उस वक्त इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि वह व्यक्ति पत्थरबाजी, कानून-व्यवस्था भंग करने या किसी दूसरे अपराध में शामिल न रहा हो। सर्कुलर में कहा गया कि अगर कोई ऐसा मिलता है तो उसे सिक्योरिटी क्लियरेंस न दिया जाए। सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि ऐसे लोगों की पहचान के लिए संबंधित पुलिस स्टेशन से रिपोर्ट ली जाए।
कश्मीर में सीआईडी की विशेष शाखा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने शनिवार को जारी आदेश में अपने अधीन सभी क्षेत्र यूनिटों को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि पासपोर्ट और सरकारी नौकरी अथवा अन्य सरकारी योजनाओं के वास्ते सत्यापन के दौरान व्यक्ति की कानून-व्यवस्था उल्लघंन, पत्थरबाजी के मामलों और राज्य में सुरक्षाबलों के खिलाफ अन्य आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता की विशेष तौर पर जांच हो।
आदेश में कहा गया है, ‘‘ऐसे मामलों का मिलान स्थानीय थाने में मौजूद रिकॉर्ड से किया जाना चाहिए।’’ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि इस तरह के सत्यापन के दौरान पुलिस, सुरक्षाबलों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के पास मौजूद डिजिटल सबूतों जैसे सीसीटीवी फुटेज, फोटोग्राफ, वीडियो और ऑडियो क्लिप को भी संज्ञान में लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई व्यक्ति ऐसे मामलों में संलिप्त पाया जाता है तो उसको सुरक्षा मंजूरी देने से इनकार किया जाना चाहिए।’’
स्वागत योग्य कदम है: भाजपा
भारतीय जनता पार्टी की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष रविंदर रैना ने रविवार को कहा कि पथराव और अन्य विध्वंसक गतिविधियों में शामिल लोगों को पासपोर्ट एवं सरकारी सेवाओं के लिए सुरक्षा मंजूरी न देना केंद्रशासित प्रदेश के प्रशासन का स्वागतयोग्य कदम है। रैना ने कहा कि यह एक बड़ा कदम है तथा यह देश के खिलाफ षड्यंत्र करने वालों और फिर जिम्मेदारी से बचने के लिए विदेश भाग जाने वालों के लिए एक बड़ा झटका है।
आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रैना ने कहा कि जम्मू कश्मीर में कुछ ‘‘राष्ट्र विरोधी ताकतें’’ हैं जो आतंकवाद और पाकिस्तान के समर्थक हैं। रैना ने कहा, ‘‘वे देश से भागने के लिए पासपोर्ट का इस्तेमाल करते हैं और सरकारी नौकरियां तथा विकास परियोजनाओं के ठेके प्राप्त करने में भी कामयाब हो जाते हैं। नए आदेश के अनुसार, उनको सुरक्षा मंजूरी नहीं मिलेगी जो एक अच्छा कदम है तथा यह ऐसे तत्वों के लिए एक बड़ा झटका साबित होगा।’’
उन्होंने कहा कि आतंकवाद रोधी अभियानों में तेजी आने के साथ ही इस तरह का ‘‘बड़ा फैसला’’ करने के लिए जम्मू कश्मीर का गृह विभाग, पुलिस और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा प्रशंसा के पात्र हैं।
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