बाराबंकी

जुर्माना दस हजार और जान का भी जोखिम, रेफ्लेक्टर फिर भी नहीं

बाराबंकी।

ठंड का मौसम और कोहरे के बीच वाहन चलाना जोखिम भरा होता है। ऐसे में नियंत्रित रफ्तार और वाहनों पर लगे रेफ्लेक्टर सफर का जोखिम कम करता है और हादसों से बचाता है। इसके बावजूद ट्रैक्टर-ट्राली, डंपर और ट्रक हो अथवा सवारी वाहन रेफ्लेक्टर लगाने में लापरवाही करते हैं। जबकि इसके बगैर न केवल सफर जोखिम भरा होता है बल्कि रेफ्लेक्टर न लगाने पर जुर्माना भी दस हजार रुपये का है।

जिले से निकले हाईवे और शहर से लेकर गांव तक ऐसे वाहनों को कभी भी देखा जा सकता है जो बिना रेफ्लेक्टर के संचालित हो रहे हैं। पोखरा : हैदरगढ़ में छोटे वाहन हो या बड़े अधिकांश सभी वाहन बगैर रेफ्लेक्टर के दौड़ रहे हैं। लखनऊ सुलतानपुर हाईवे, बांदा बहराइच मार्ग, हैदरगढ़ अवसानेश्वर मार्ग, हैदरगढ़ भिटरिया मार्ग, महराजगंज मार्ग व ग्रामीण अंचलों के संपर्क मार्गो पर बगैर रेफ्लेक्टर लगाए वाहनों को आते जाते देखा जा सकता है। रविवार को हैदरगढ़ बस स्टेशन के सामने एक बोलेरो खड़ी थी जिसमें रेफ्लेक्टर नहीं लगा हुआ था वही पुलिस चौकी हैदर गढ़ के सामने एक ट्रक जो पोखरा चीनी मिल को गन्ना लाद कर जा रही थी उसमें भी बगैर रेफ्लेक्टर लगा हुआ पाया गया। निदूरा : ट्रैक्टरों का पंजीयन भले ही कृषि उपयोग के लिए किया जाता हो, लेकिन कृषि के अलावा व्यावसायिक तौर पर ट्रैक्टरों का उपयोग सबसे अधिक किया जा रहा है। जिसमें सबसे अधिक ईट मौरंग,गिट्टी,बालू ,मिट्टी को ढोने में प्रयोग किया जा रहा हैं। इनमें न बैक लाइट रहती है न ही रेडियम रेफ्लेक्टर होते हैं। इन दोनों प्रमुख खामियों के चलते रात में ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से वाहन चालकों के टकराने से हादसे हो जाते हैं। विकास खंड क्षेत्र के कुर्सी,अनवारी , अमरसंड़ा निदूरा ,बड्डूपुर , रीवा सीवा,खिझना ,घुघटेर ,बाबागंज,बजगहनी ,पिड़सावां आदि कस्बों व गांवों में इनका प्रयोग किया जा रहा है। रामसनेहीघाट : हाईवे पर भारी और सवारी वाहन अधिकांश बिना रेफ्लेक्टर के माल और सवारी ढोते हैं, जिससे न केवल वह स्वयं हादसे का कारण बनते हैं बल्कि स्वयं दुर्घनाग्रस्त भी हो जाते हैं। सड़क किनारे हाईवे पर बिना रेफ्लेक्टर के खड़े वाहन इस सर्द मौसम में काल की भूमिका निभाते हैं।

बिना रेफ्लेक्टर के वाहन मिलने पर दस हजार रुपये का जुर्माना होता है। प्रत्येक माह करीब 60 से 70 ऐसे वाहनों का चालान किया जाता है। वहीं लोगों को जागरूक करते हुए समय-समय पर भारी वाहनों खासतौर पर ट्रैक्टर-ट्रालियों में रेफ्लेक्टर लगाकर लोगों को जागरूक किया जाता है।

पंकज सिंह, एआरटीओ प्रशासन

ब्यूरो रिपोर्ट- मो. कदीर।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button