परीक्षा की कॉपियां खरीद रहे गुरुजी
बलरामपुर।
कभी फल व दूूध अपनी जेब से खरीदने के बाद परिषदीय स्कूलों में तैनात शिक्षक अब वार्षिक परीक्षा के लिए अपनी जेब ढीली कर रहे हैं। वार्षिक परीक्षा में बच्चों को दी जाने वाली कॉपियों के खर्च को लेकर विभाग मौन है। परीक्षा करानी है तो शिक्षकों को अपनी जेब से कॉपियां खरीदनी पड़ रही हैं। ऐसे में शिक्षकों की जेब पर करीब 24 लाख रुपये से अधिक का बोझ पड़ने दावा किया जा रहा है। शिक्षक नेताओं ने इस पर नाराजगी जताई है।
जिले में कुल 1814 परिषदीय स्कूल हैं। प्राथमिक में दो लाख 15 हजार 672 व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 64 हजार 991 बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं। 20 मार्च से वार्षिक परीक्षा चल रही है। प्राथमिक स्तर पर परीक्षा के लिए प्रति छात्र कम से कम सात कॉपी व उच्च प्राथमिक पर प्रति छात्र के लिए कम से कम दस कॉपियों की आवश्यकता है।
प्राथमिक स्तर के छात्रों की कॉपी एक रुपये व उच्च प्राथमिक स्तर के छात्रों की उत्तर पुस्तिका 1.40 रुपये की दर से बाजार में बिक रही हैं। ऐसे में प्राथमिक के छात्रों की कॉपियों की खरीदारी में 15 लाख 9 हजार 704 रुपये व उच्च प्राथमिक के छात्रों की कॉपियों पर 9 लाख 9 हजार 874 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। अभी तक यह तय नहीं है कि कॉपियों का पैसा शिक्षकों को कहां से मिलेगा। विभाग ने पेपर तो पहुंचा दिया लेकिन कॉपियों को लेकर खामोशी है।
विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रांतीय कोषाध्यक्ष दिलीप चौहान ने बताया कि बीते तीन साल से कॉपियों के लिए कोई पैसा नहीं आया है। विभाग को पर्चे के साथ ही इसका भी प्रबंध करना चाहिए। यूनाईटेड टीचर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष देव कुमार मिश्र ने कहा कि कॉपियों के लिए बजट न मिलने से परेशानी हो रही है। बीएसए कल्पना देवी ने इसपर ज्यादा कुछ न कहते हुए इस संबंध में जानकारी होने पर बात करने को कहा।