अपराधघटनाएं

दिल्ली पुलिस के सिपाही ने युवक की पीट-पीटकर की हत्या, 2 आरोपी गिरफ्तार, जानिए पूरा मामला

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के न्यू अशोक नगर इलाके में दिल्ली पुलिस के सिपाही के जरिए एक युवक अजीत को बेरहमी से पीट-पीटकर मार डालने का मामला सामने आया है. आरोपी सिपाही ने न केवल युवक को पीट-पीटकर मौत के घाट उतारा बल्कि सबूत मिटाने के उद्देश्य से उसके शव को अपनी गाड़ी में डालकर मुरादनगर स्थित गंग नहर ले गया और फिर शव को नहर में फेंक दिया.

इस पूरे मामले में जहां एक ओर खाकी ने वारदात को अंजाम दिया तो वहीं दूसरी ओर खाकी ने अपने ही महकमे के सिपाही को बचाने के लिए पूरी कोशिश भी की, लेकिन इसी बीच उस पूरी वारदात से जुड़ा एक वीडियो सामने आया, जिसके बाद दिल्ली पुलिस के लिए यह मजबूरी बन गया कि इस मामले की जांच की जाए और फिर जांच में इस पूरी वारदात का खुलासा हुआ.

फिलहाल दिल्ली पुलिस ने आरोपी सिपाही मोनू सिरोही को गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि अजीत का शव अभी भी नहीं मिल पाया है. पुलिस उसके शव को गंग नहर में तलाश करवाने की बात कर रही है. साथ ही उन थानों से भी जानकारी जुटा रही है, जिनके इलाके में गंग नहर का हिस्सा आता है. संभव है कि अजीत का शव किसी थाना पुलिस को लावारिस हालात में मिला हो.

दरअसल, न्यू कोंडली इलाके में अजीत अपने परिजनों के साथ रहता था. परिजनों का कहना है कि अजीत 4 जून की रात 8:00 बजे घर से बाहर निकला था और फिर लौटकर नहीं आया. 2 दिन बाद उन्हें इस बात की जानकारी हुई कि अजीत के साथ मारपीट की गई है. उसे किडनैप करके कहीं ले जाया गया है. जिसके बाद से परिजन पुलिस के पास मामला दर्ज कराने के लिए जाते रहे लेकिन समय रहते कोई सुनवाई नहीं हुई.

क्या है मामला?

अजीत अपने परिजनों के साथ न्यू कोंडली के बी ब्लॉक में रहता था. अजीत के बड़े भाई अशोक का कहना है कि 4 जून की रात लगभग 8 बजे अजीत घर से बाहर निकला था. अजीत के साथ उसका दोस्त अतुल भी था. रात भर अजीत घर नहीं आया. उसका कुछ पता नहीं चला. इसके 2 दिन बाद दीपक नाम के एक युवक ने हमें बताया कि 4 तारीख की रात को अजीत और अतुल के साथ कार में सवार 4 लोगों ने मारपीट की थी और वे युवक अजीत को अपनी गाड़ी में डालकर कहीं ले गए हैं.

अशोक का कहना है कि यह बात जैसे ही मालूम हुई तो उन्होंने 7 जून को सबसे पहली बार न्यू अशोक नगर थाने में जाकर अपने भाई के अपहरण की शिकायत लिखवानी चाही. लेकिन वहां पर जो आईओ थे, उन्होंने बात को टाल दिया था. हमारी कोई शिकायत नहीं ली गई. इसके बाद हमने एसएचओ साहब को भी शिकायत दी थी लेकिन उन्होंने भी हमारी कोई सुनवाई नहीं की. उस समय कोरोना काल चल रहा था तो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से हमें मिलने नहीं दिया जा रहा था.

उन्होंने कहा कि हम लोगों ने ईमेल के माध्यम से या स्पीड पोस्ट के माध्यम से शिकायत वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी. लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई. फिर जब उस पूरी घटना का वीडियो हमें मिला और हमने पुलिस को इससे अवगत करवाया तब जाकर पुलिस हरकत में आई और अब 2 लोगों को गिरफ्तार किया, लेकिन हमारे भाई का शव अभी तक नहीं मिल पाया है.

हत्या की साजिश

बहन नीतू का कहना है कि मेरे भाई की हत्या की साजिश में दो और युवक शामिल हैं. जो दोनों सगे भाई हैं. जिनका नाम शिवा और ऋषि है. ये दोनों पड़ोस में रहते हैं. 22 मई को हमारी इनसे कहासुनी हुई थी. हमारे घर के सामने पार्क है. उसमें हम लोग कपड़े सुखाते हैं. इसी बात पर वे लोग हमसे झगड़े थे. उन्होंने मेरे साथ बदतमीजी भी की थी. हमने इस बारे में पुलिस थाने में शिकायत भी की थी. तभी से वे लोग हमें धमकी दे रहे थे कि अपनी शिकायत वापस ले लो नहीं तो अंजाम बुरा होगा. तुम्हारे भाइयों को हम फंसा देंगे. उसके कुछ दिन बाद ही अजीत को किडनैप करवा लिया गया और उसकी हत्या करवा दी गई. पुलिस भी हमारी बात सुनने को तैयार नहीं थी. पुलिस भी हम पर ही दबाव बना रही थी कि ऋषि और शिवा के साथ जो मामला चल रहा है उसे वापस ले लो.

वहीं 4 जून की रात न्यू अशोक नगर थाना क्षेत्र के कोंडली इलाके में दिल्ली पुलिस के सिपाही मोनू सिरोही द्वारा अजीत नाम के युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई. उसके शव को कार में डालकर मुरादनगर ले जाया गया, जहां से शव को गंग नहर में फेंक दिया गया. जिस जगह पर इस वारदात को अंजाम दिया गया, वह न्यू कोंडली बी-1 ब्लॉक मेन रोड है. जब वारदात को अंजाम दिया जा रहा था तो नजदीक में रहने वाले शख्स गौरव ने अपने मोबाइल के कैमरे से इस पूरी वारदात को रिकॉर्ड भी किया था.

वीडियो किया रिकॉर्ड

गौरव का कहना है कि ये वारदात 4 जून की देर रात की है. समय लगभग रात के 11 बजे का था. गौरव खाना खाने के बाद अपने कमरे की खिड़की पर आकर बाहर देख रहा था. तभी उसकी नजर नीचे ही खड़ी एक सफेद रंग की कार पर पड़ी, जिसमें से 4 लोग बाहर निकले और उन्होंने दो युवकों के साथ मारपीट करना शुरू कर दिया. ये देखकर गौरव वापस अपने कमरे में गए और फिर अपना मोबाइल लेकर आए. उन्होंने अपने मोबाइल से इस पूरे वीडियो को रिकॉर्ड किया.

गौरव का कहना है कि उनकी दूर की नजर कमजोर है, इसलिए वे यह नहीं पहचान पाए थे कि किसके साथ कौन मारपीट कर रहा है. उन्होंने अपने मोबाइल से रिकॉर्डिंग करना शुरू कर दिया. उन्होंने देखा कि जिन दो युवकों को पीटा जा रहा था, उनमें से एक किसी तरीके से वहां से भाग निकला. जबकि दूसरे को पुलिस युवकों ने बुरी तरीके से पीटा. इतनी बुरी तरीके से पीटा कि वह सड़क पर गिर गया और फिर भी लोग उसे कार में डालकर अपने साथ ले गए.

गौरव का कहना है कि उन्होंने अपने एक परिचित पत्रकार को वीडियो भेजी और कहा कि अगर आप पुलिस को ये वीडियो भेज सकते हैं तो भेज दीजिए. कुछ दिनों बाद गौरव को पता चला कि वीडियो में जिस लड़के को बुरी तरह पीटा जा रहा है और वह उनकी पिछली गली में ही रहने वाला अजीत है. जिसके बाद उन्होंने अजीत के परिजनों को भी इस बात से अवगत करवाया. गौरव का दावा है कि अजीत के परिजनों ने किसी वकील से बात की और तुरंत ही इस मामले की शिकायत पुलिस से नहीं की. अगर समय रहते पुलिस से शिकायत की जाती तो शायद पहले ही यह मामला साफ हो चुका होता.

आरोपों का खंडन

जब गौरव से यह पूछा गया कि पीड़ित परिवार उनके भाई ऋषि और शिवा पर इस पूरी वारदात की साजिश रचने का आरोप लगा रहे हैं तो गौरव ने इन आरोपों का खंडन किया. गौरव का कहना है कि हम लोग यहां बहुत समय से रह रहे हैं. हम पीछे पार्क में सिर्फ फूल लेने के लिए जाते हैं जो पूजा के काम आते हैं. पार्क में जो हमारी कहासुनी हुई थी वह बात हम भूल चुके थे. जब वीडियो में हमें पता चला कि जिसे पीटा जा रहा है वह अजीत है, तो हमने अजीत के परिवार को भी इसकी जानकारी दी.  इतना ही नहीं, हमने पुलिस को भी यह वीडियो दिया. एक बार तो आधी रात के बाद 2 बजे न्यू अशोक नगर थाना के एसएचओ ने हमें बुलवाया.

वहीं इस मामले में पुलिस के आला अधिकारी कैमरे के सामने कुछ भी कहने से बच रहे हैं. दरअसल, जब यह पूरा मामला दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने आया और वारदात से जुड़ा वीडियो प्रकाश में आया तो इस मामले की जांच पूर्वी जिले के स्पेशल स्टाफ को सौंपी गई. स्पेशल स्टाफ ने इस पूरे मामले की कड़ी जोड़ते हुए मोनू सिरोही की भूमिका का पता लगाया और फिर उसे गिरफ्तार कर लिया.

मामूली विवाद ने लिया झगड़े का रूप

पुलिस सूत्रों का कहना है कि अब तक की जांच में ये बात सामने आई है कि मोनू सिरोही अपने तीन दोस्तों के साथ गाड़ी में मौजूद था. वह कहीं जा रहा था. उसकी गाड़ी से अजीत और अतुल की मामूली से टक्कर हो गई और उसी मामूली विवाद ने झगड़े का रूप ले लिया. जब मोनू और उसके साथियों ने अजीत और अतुल के साथ मारपीट की तो अतुल किसी तरीके से भाग गया, लेकिन अजीत को इस कदर पीटा कि उसकी मौत हो गई और फिर मोनू ने अजीत के शव को मुरादनगर ले जाकर गंग नहर में फेंक दिया. मोनू के साथ हरीश को गिरफ्तार कर लिया गया है. दो और युवकों की तलाश की जा रही है.

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