महसी और मिहींपुरवा के 45 गांवों में भरा बाढ़ का पानी।
बहराइच।
सरयू नदी का जलस्तर बुधवार को अचानक बढ़ गया जिससे महसी और मिहींपुरवा तहसील के 45 गांवों में बाढ़ का पानी भर गया है। तहसील प्रशासन की ओर से बचाव कार्य शून्य है। कैसरगंज में एल्गिन ब्रिज पर नदी खतरे के निशान से 32 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गई है। बाढ़ क्षेत्र के लोग मचान और तख्त पर खाना बनाकर जीवन काट रहे हैं। वहीं, बुधवार को चार बैराजों से 4.39 लाख पानी डिस्चार्ज किया गया है।
जिले में बहने वाली सरयू नदियां उफान पर आ गई हैं। नदियों का पानी गांवों में भरने लगा है। कैसरगंज, महसी और मोतीपुर तहसील क्षेत्र में इसका असर काफी दिख रहा है। महसी तहसील के 35 गांवों में बुधवार को पानी घुस गया। इससे ग्रामीणों में अफरा-तफरी मच गई। लोग ऊंचे स्थान पर जाने के लिए विवश हुए। महसी तहसील क्षेत्र के मांझा दरिया बुर्द, नयापुरवा, पाठकपुरवा, चमरही, पचदेवरी, मंगलपुरवा, अहिरनपुरवा, तुरंतीपुरवा, बरुआ बेहड़, अहिरनपुरवा, घुरेहरीपुर, छत्तरपुरवा, भौंरी, नगेसरपुरवा, प्रह्लादपुरवा, जोगलापुरवा, रानीबाग, गोलागंज समेत 35 गांव में बाढ़ का पानी भर गया है। मोतीपुर तहसील क्षेत्र के मझरा, भादापुरवा, गिरगिट्टी, पैरुआ, बोझिया, कंचनपुर, नकौहा, रंगीलालपुरवा समेत 10 गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं।
वहीं कैसरगंज तहसील क्षेत्र के जरवलरोड में स्थित एल्गिन ब्रिज का जलस्तर भी काफी अधिक हो गया है। यहां जलस्तर खतरे के निशान से 32 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच गई है। जबकि महसी में नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 14 सेंटीमीटर नीचे है। सबसे अधिक परेशानी महसी और मोतीपुर तहसील के ग्रामीणों की है। लेकिन तहसील प्रशासन द्वारा राहत व बचाव के कोई कार्य नहीं किए गए हैं।
महसी में गांवों में बाढ़ का पानी भर जाने से ग्रामीण काफी परेशान हैं। अपने को जीवित रखने के लिए ग्रामीण मचान और तख्त पर खाना बनाकर जीवन यापन कर रहे हैं। लेकिन तहसील प्रशासन की ओर से अभी तक किसी को लंच पैकेट नहीं दिया गया है।
मिहींपुरवा विकास खंड में स्थित चार बैराज से बुधवार को 4.39 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया है। ऐसे में यह पानी 24 घंटे में नदियों में पहुंच जाएगा। जिससे स्थिति और भयावह हो सकती है।
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ब्यूरो रिपोर्ट- राजीव बेदी।