उत्तर प्रदेश

“भारतरत्न” श्री गुलजारीलाल नंदा जी का 128वां जयन्ती दिवस समारोह-4 जुलाई 2025

गुलजारीलाल नन्दा स्मृति संस्थान,लखनऊ के तत्वाधान में आयोजित 128वीं श्री नन्दा जयन्ती के आयोजक संस्था के सचिव ज्ञानी त्रिवेदी ने उद्बोधन एवं कार्यक्रम संचालन में कहा-” प्रातः स्मरणीय श्री गुलजारीलाल नन्दा जी देश की महान विभूतियों में से एक थे!

भारत सरकार ने श्री नन्दा जी की राष्ट्र के प्रति अभूतपूर्व सेवाओं को द्रष्टिगत रखते हुए 1997 में “भारत रत्न” के सर्वोच्च अलंकरण से सम्मानित किया था। महात्मा गाँधी जी ने लिखा था-“गुलजारीलाल नन्दा बड़ी व्यवस्था शक्ति वाला है और सत्य का पुजारी है।”

सक्रिय राजनिति में रहते हुए निस्वार्थ भाव से जनता जनार्दन की सेवा करने वाले ऐसे व्यक्तित्व बहुत विरले ही होते हैं,सत्ता की राजनिति से अलिपत थे श्री नन्दा जी। वे दो बार भारत के प्रधानमंत्री बने और तीन तीन प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल में देश के गृह मन्त्री रहे।

नन्दा जी सदैव सात्विकता एवं सादगी के प्रतीक पुरुष के रूप में जनमानस की श्रद्धा बने रहे,इन उच्चतम पदों पर कार्य करते हुए भी ना उनहोंने अपनी कोई व्यक्तिगत संपत्ति अर्जित करी और न ही अपने वंशजों को राजनितिक उत्तराधिकारी बनाया।

नैतिक और सदाचारी शिक्षा के प्रोत्साहन हेतु संस्थान गाँव-गाँव में सदाचार समितियों का गठन कर वर्तमान देशकाल के सन्दर्भ में रचनात्मक कार्यों को करने हेतु समाज के आमजनों में जनजागरण का प्रयास करेगा,राष्ट्रीय एकता और सद्भाव की शिक्षा का प्रचार-प्रसार संस्थान का लक्ष्य है। तम्बाकू निषेध अभियान संचालन कर,युवा वर्ग को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने का प्रयास करेगा।
श्री नंदा जी के जीवन चरित्र-व्यक्तित्व पर आधारित पुस्तकों का प्रकाशन एवम समय समय पर अन्य रचनात्मक कार्यों के आयोजनों के द्वारा संस्थान श्री नन्दा जी के विचारों का प्रचार प्रसार करता रहेगा!

मुख्य अतिथि मा.ब्रजेश पाठक जी उप मुख्यमन्त्री-उ.प्र ने कहा-” यदपि श्री नन्दा जी का सम्पूर्ण जीवन राज-सत्ता और राजनीति में गुजरा किन्तु उन्हों ने पद प्राप्ति को कभी अपना लक्ष्य नहीं बनाया,अपितु दो बार प्रधानमन्त्री बने लेकिन सत्ता के मोह से हमेशा दूर रहे,इसी लिये जमाज ने श्री नन्दाजी को संतों जैसी श्रद्धा अर्पित करी।”

समारोह में गुलजारीलाल नन्दा स्मृति संस्थान के अध्यक्ष और कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्री गोपबन्धु पटनायक जी(से.नि.IAS) ने अपने सम्बोधन में कहा-“श्री नन्दा जी उच्च आदर्शों, सादगी और ईमानदारी की प्रतिमूर्ति थे। साधारण परिवार में जन्म लेकर देश के महान पदों पर आसीन रहे,किन्तु सादगी उन्के जीवन का अभिन्न अंग बनी रही। वह जीवन में उच्च स्तरीय आदर्शों एवं परम्पराओं के प्रेरणा स्रोत थे तथा देशकी श्रमिक व्यवस्था के प्रति सदैव संवेदनशील थे।”
विशिष्ट अतिथि श्री दिलीप अग्निहोत्री जी-राज्य सूचना आयुक्त ने श्री नन्दा जी के प्रति श्रद्धांजलि स्वरूप अपने उद्बोधन में भ्रष्टाचार उन्मूलन के प्रयासों का जिक्र करते हुए कहा-“देश को भ्रष्टाचार से मुक्त कराने,उसे प्रगतिशील बनाने और मानव जीवन में स्वस्थ परम्पराओं की स्थापना के लिए वह सतत् प्रयत्नशील रहे।”
विशिष्ठ अतिथि श्री डा.मोहम्मद कामरान साहब,एडवोकेट ने अपने भावांजलि मूलक सम्बोधन में कहा-“श्री नन्दा जी के सिद्धांतों का अनुपालन कर आज का युवा भावी भारत के भव्य निर्माण में अपनी महती भूमिका निभा सकता है,क्योंकि आज अगर नैतिक मूल्यों का कहीं ह्रास हो रहा है तो वो युवा है! श्री नन्दा जी की सत्यनिष्ठा और सदाचार के भाव के आलोक में ही हम एक सुसंस्कृत भारत का निर्माण कर सकते हैं अतः मैं जीवन में सदाचार और नैतिक शिक्षा की अनिवार्यता के प्रयास का समर्थन करता हूँ।”

कार्यक्रम के स्वागताध्यक्ष श्री शरद प्रकाश अग्रवाल जी-भारत सेवक समाज उ.प्र.के महामन्त्री के रूप में श्री नन्दा जी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करी और नंदा जी एवं नेहरु जी द्वारा गठित संस्था से जुडे अपने संस्मरणों का जिक्र किया! श्री अग्रवाल जी ने नन्दा जी के जीवन से प्रेरणा लेकर स्वमं को रचनात्मक कार्यों के प्रति समर्पित कर समाज में सदाचार को बढ़ावा देने की योजनाओं के निर्माण पर सरकार को और अधिक ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया!”

नन्दा स्मृति संस्थान के उपाध्यक्ष श्री गंगा सिंह जी ने अपने सारगर्भित सम्बोधन में श्री नन्दा जी के दो बार प्रधानमन्त्री बनने की परिस्तिथियों का वर्णन करते हुए कहा-” पंडित जवाहरलाल नेहरु एवं भारत रत्न श्रद्धेय लालबहादुर शास्त्री जी की मृत्यु के कारण देश दुखी और विचलित था..नेतृत्व का संकट आने की स्तिथि में श्री नन्दा जी ने यह दायित्व उठाया और गम्भीरतापूर्वक राज-काज को सम्पादित किया,ऐसे महान व्यक्तित्व के चरणों में मेरा नमन!”
वरिष्ठ पत्रकार श्री संजीव श्रीवास्तव जी ने श्री नन्दा जी के आध्यात्मिक जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनकी श्रीकृष्ण भक्ति का जिक्र किया,कुरुक्षेत्र के पुनर्जागरण हेतु किये गए कार्यों को सनातन धर्म के लिये श्री नन्दा जी के योगदान का वर्णन किया। धर्म अर्थ काम मोक्ष का चतुष्टय थे श्री नन्दा जी!”

श्री तीर्थराज मिश्रा जी ने अपने भावपूर्ण सम्बोधन में नन्दा जी के आदर्शमय जीवन का स्मरण किया और कहा-” नन्दा जी जैसे महान व्यक्तित्व को भारतरत्न से सम्मानित किया जाना एक रुप से खुद भारतरत्न का सम्मान है! हमें सदैव श्री नन्दा जी के उच्च मूल्यों पर आधारित जीवन का अनुकरण करने का प्रयास करना चाहिए तभी एक सदाचार युक्त समाज की स्थापना हो पायेगी।”

कार्यक्रम में आये हुए अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए श्री लालबहादुर राय जी-सचिव गाँधी स्मारक निधी,लखनऊ ने अपने वक्तव्य में श्री नन्दा जी के चरणों में अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करी।

कार्यक्रम में डा.सूर्यभान सिंह गौतम जी,श्री परमजीत सिंह जी-प्रदेश अध्यक्ष आईना,श्री मनोज मिश्रा जी,श्री दिनेश दीक्षित जी,श्री जितेंद्र बाजपेई जी,श्री अखिलेश श्रीवास्तव जी,श्री रमेश यादव जी,चन्द्रशेखर यादव जी,श्री विनोद कुमार बाजपेई जी,श्री मनीष चित्रांश जी,श्री सुभाष मिश्रा जी,श्रीमान अनिल तिवारी जी,श्री सुभाष भल्ला जी,श्री एम.एफ चर्चिल साहब,श्री पवन कुमार जी,श्री दीपक अवस्थी जी,सुश्री सुधा जी,श्रीमती गुरमीत कौर जी,श्री योगेश दिक्षित जी,श्री ह्रदय नारायण श्रीवास्तव जी,श्री हरीश तिवारी जी,श्री प्रशान्त मिश्रा जी सहित समाज के गणमान्य व्यक्तियों ने श्री गुलजारीलाल नन्दा जी को अपनी भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करी।

ज्ञानी त्रिवेदी
सचिव
गुलजारीलाल नन्दा स्मृति संस्थान,लखनऊ

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