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अजब-गजब: अमेरिका के सबसे बड़े वैज्ञानिक का दावा, मंगल ग्रह पर दिखा अनोखा जीव, हैरत में पड़ी दुनिया

दुनियाभर के वैज्ञानिक अंतरिक्ष के रहस्यों से पर्दा उठाने की कोशिश कर रहे हैं। अब इस बीच अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के टाॅप वैज्ञानिक ने बड़ा दावा किया है। वैज्ञानिक ने कहा कि उन्होंने मंगल ग्रह पर जीवन के सबूत को खोजा है। वह दुनियाभर के वैज्ञानिकों को यह समझाने की कोशिश कर रहे हैं। नासा के टाॅप वैज्ञानिक की उनके साथियों ने इस बात के लिए आलोचना की है। लेकिन उनका कहना है कि वह मरते दम तक इस पर कायम रहेंगे कि मंगल ग्रह पर कीड़े की आकृति वाला जीव देखा है।

नासा के 97 वर्षीय वैज्ञानिक गिलबर्ट वी. लेविन ने कहा कि उन्होंने 45 साल पहले अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के वाइकिंग मार्स प्रोब मिशन के सुपवाइजर थे जिसका नाम लेबल्ड रिलीज एक्सपेरीमेंट था। नासा इस मिशन के माध्यम से मंगल ग्रह की मिट्टी में सूक्ष्म जीवों द्वारा छोड़े जा रहे गैसों की जांच कर रहा था। नासा के वैज्ञानिक गिलबर्ट वी. लेविन ने कई बड़े खुलासे किए हैं।

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, गिलबर्ट वी. लेविन ने 20 जुलाई 1976 को बताया था कि बल्ड रिलीज टेस्ट से चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई थी। लेविन को मंगल ग्रह पर जीवन होने के सबूत मिल रहे थे। मंगल के चार अलग-अलग स्थानों पर यह एक्सपेरीमेंट किया गया था और सभी के रिजल्ट एक ही तरह के थे। इनके परिणाम पृथ्वी पर होने वाले टेस्ट से मिलते जुलते थे। लेकिन नासा इस जांच से पूरी संतुष्ट नहीं था।

वाइकिंग मार्स प्रोब पर लगाया गया दूसरा यंत्र वाइकिंग मॉलीक्यूलर एनालिसिस एक्सपेरीमेंट मंगल ग्रह पर किसी भी तरह का जीव नहीं खोज पाया था। इसके बाद नासा ने रिपोर्ट जारी कर कहा कि मंगल पर असल जीवन नहीं है, बल्कि उसकी नकल की जा रही है।

कई लोगों का कहना है कि मंगल ग्रह पर जीवन की बात बात करने वाले गिलबर्ट ने अपनी इज्जत को खराब किया है। तो वहीं गिलबर्ट का कहना है कि जो रिपोर्ट में मिला वह सच सच लिखा गया है। उन्होंने अपनी बात को सच साबित करने के लिए कहा कि क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल ग्रह से कीड़े जैसी आकृति ली है जो बता रही है मंगल पर जीवन है या था।

 

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