बलरामपुर

डंप है सिचाई का अनुदान, नहीं मिले अनुसूचित जाति के किसान

बलरामपुर।

आर्थिक रूप से कमजोर किसानों के खेतों में हरियाली लाने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिचाई शुरू की है, लेकिन उद्यान विभाग के अफसरों व कर्मियों की लापरवाही के चलते इसका लाभ जरूरतमंदों को नहीं बिचौलियों को मिल रहा है। हालत यह है कि योजना के आठ माह बाद भी उद्यान विभाग के अधिकारी व कर्मचारी एक भी अनुसूचित जाति वर्ग का लघु किसान नहीं ढूंढ़ सके जिसे योजना से लाभान्वित किया जा सके।

टपक व फौव्वारा विधि के प्रति किया जा रहा प्रेरित:

किसानों को आधुनिक सिचाई विधि अपनाने के लिए उद्यान विभाग प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना चला रहा है। इसमें किसानों को आम, अमररूद, लीची, केला व गन्ने की सिचाई टपक विधि से करने एवं हरी पत्तियों वाली सब्जी, मटर, सरसों व आलू की सिचाई फौव्वारा विधि से करने के लिए प्रेरित करते हुए उसमें लग रहे पूरे खर्च का 80 से 90 प्रतिशत तक अनुदान उद्यान विभाग द्वारा दिया जाना है।

योजना में तीन तरह के किसान लाभान्वित किए जाने हैं। दो हेक्टेयर से अधिक क्षेत्रफल वाले बड़े किसानों को लागत का 80 प्रतिशत अनुदान दिया जाना है। दो हेक्टेयर से कम वाले लघु सीमांत किसानों को 90 प्रतिशत की छूट मिलेगी। यही नहीं जिले के लक्ष्य का 20 प्रतिशत बजट अनुसूचित जाति के लघु किसानों को 90 प्रतिशत अनुदान देकर खर्च किया जाना है। जिले में इस योजना के लिए 1354 हेक्टेयर का लक्ष्य दिया गया है। इस लक्ष्य में बड़े व लघु सीमांत किसानों के साथ ही 270.8 हेक्टेयर क्षेत्रफल की सिचाई अनुसूचित जाति के किसानों के खेतों की करनी है।

उद्यान विभाग ने बड़े व लघु सीमांत किसान तो आसानी से ढूंढकर 250 से अधिक लोगों को लाभान्वित करा दिया, लेकिन अनुसूचित जाति का एक भी किसान नहीं मिल सका। योजना में मिला अनुदान का बजट डंप पड़ा है।

दिया गया निर्देश:

जिला उद्यान अधिकारी पारस नाथ का कहना है कि सभी उद्यान निरीक्षकों को अनुसूचित जाति के किसानों को प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना से लाभान्वित कराने का निर्देश दिया गया है।

ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।
ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।

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