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यूपी: दिल्ली से आई सीबीआई की टीम ने कानपुर में श्रीलक्ष्मी कॉटसिन के यहां की छापेमारी।

कंपनी के मालिक डॉ. एमपी अग्रवाल नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के बाद नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल में भी केस हार गए थे। दोनों ट्रिब्यूनल ने उद्यमी के रिवाइवल प्लान को खारिज कर दिया था।

कानपुर।
इसी घर में मौजूद है सीबीआई की टीम।
इसी घर में मौजूद है सीबीआई की टीम।

यूपी के सबसे बड़े डिफाल्टर कानपुर निवासी श्री लक्ष्मी कॉटसिन के मालिक एमपी अग्रवाल के घर पर दिल्ली की सीबीआई टीम ने छापेमारी की है। कानपुर में कृष्णापुरम स्थित मुख्यालय में सीबीआई की टीम सुबह से ही जांच पड़ताल में जुटी है। कल्याणपुर, काकादेव, आवास विकास, स्थित अन्य कार्यालयों में भी छापेमारी चल रही है। करीब 10, 10 लोगों की टीम है जिसमें 4-4 अधिकारी शामिल हैं।
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तीन साल पहले डिफाल्टर घोषित श्रीलक्ष्मी कॉटसिन के अधिग्रहण के लिए दो विदेशी कंपनियों से बात चल रही थी लेकिन उनके इनकार के बाद महाराष्ट्र की नामी कंपनी वेलस्पन ने रुचि जताई थी लेकिन यहां भी बात नहीं बनी थी। 1993 में कानपुर में श्रीलक्ष्मी कॉटसिन लिमिटेड की नींव डाली गई।

 

शुरुआत में बुलेटप्रूफ जैकेट्स के अलावा कई प्रतिरक्षा उत्पाद बनाए। ब्लास्टप्रूफ वाहन बनाए। 2005-06 में कंपनी डेनिम कपड़े के उत्पादन में उतरी। इसके लिए बैंकों से करीब 85 करोड़ रुपए का लोन लिया गया। काम सफल रहा तो रुड़की और हरियाणा में भी यूनिटें लगाई थीं।

बता दें कि कंपनी के मालिक डॉ. एमपी अग्रवाल नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के बाद नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल में भी केस हार गए थे। दोनों ट्रिब्यूनल ने उद्यमी के रिवाइवल प्लान को खारिज कर दिया था। अग्रवाल की अलग-अलग कंपनियां करीब 5200 करोड़ रुपये की कर्जदार हैं, जिनमें से 2700 करोड़ के खाते एनपीए हो गए हैं। बैंकों ने कर्ज वसूली के लिए इनकी चार संपत्तियों की नीलामी कर दी हैं।

ब्यूरो रिपोर्ट- हरीश गुप्ता।
ब्यूरो रिपोर्ट- हरीश गुप्ता।

ब्यूरो रिपोर्ट हरीश गुप्ता

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