बलरामपुर।
खतरे के निशान से 31 सेंटीमीटर राप्ती नदी का जलस्तर पहुंच गया है। पहाड़ों पर हुई भारी बारिश के चलते राप्ती नदी व पहाड़ी नालों में उफान आया है। घरों व सड़कों पर बाढ़ का पानी बह रहा है जिससे लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।
तुलसीपुर तहसील के वीरपुर गांव में डीएम श्रुति, एसपी हेमंत कुटियाल, एडीएम वित्त एवं राजस्व अरुण कुमार शुक्ल, एएसपी अरविंद मिश्र, तुलसीपुर एसडीएम विनोद सिंह व सीओ तुलसीपुर कुंवर प्रभात सिंह आदि की टीम ने शुक्रवार को भ्रमण कर जायजा लिया।
केंद्रीय जल आयोग के कर्मचारी ने डीएम से बताया कि राप्ती नदी का जलस्तर फिर से बढ़ने लगा है। पहाड़ों पर हुई बारिश के चलते शुक्रवार को राप्ती का जलस्तर खतरे के निशान से दोपहर दो बजे तक 31 सेमी ऊपर पहुंच गया है। खतरे के निशान 104.62 की तुलना में राप्ती का जलस्तर 104.93 मीटर रिकार्ड किया गया है।
पहाड़ों पर हुई बारिश के चलते पहाड़ी नालों में भी उफान आने की संभावना बढ़ गई है। हरैया सतघरवा ब्लॉक के ग्राम पंचायत नेवलगंज के मजरा गौरीपुरवा, जमधरा पहाड़ी नाले की कटान के जद में है। ग्रामीणों ने प्रशासन से कटान रोकने के प्रबंध किए जाने की मांग की है।
तुलसीपुर से रजवापुर होते हुए कई गांवों को जोड़ने वाली सड़क छह महीने पहले बनी थी। पहाड़ी नाले के बाढ़ से सड़क कट गई है जिसके चलते रजवापुर, साधवपुर, मुजेहनी, सेमरहन, ठाकुरपुर, मुसहवा, रामपुर भारी व सेखुइनिया खुर्द से कई गांवों का संपर्क कट चुका है।
सड़क पर 19 फीट का गहरा गड्ढा हो गया है। ग्रामीण दिनेश वर्मा, यदुनाथ मौर्य, राजेश वर्मा, अजय कुमार पांडेय व अमृत लाल मौर्य आदि ने डीएम से सड़क निर्माण की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने और फिर से सड़क का निर्माण कराए जाने की मांग की है।
राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ने से सदर, उतरौला व तुलसीपुर तहसील के 150 से अधिक गांवों में पानी भर गया है जिससे यहां के लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हलांकि प्रशासन की तरफ से लोगों के लिए नावों व राहत सामग्री आदि का इंतजाम कराया गया है।
ब्यूरो रिपोर्ट- टी.पी. पाण्डेय।