उत्तर प्रदेश

हत्या की गुत्थी सुलझी: इंद्रानगर पुलिस ने 5 हत्यारों को किया गिरफ्तार, पुरानी रंजिश में युवक की ली थी जान”

लखनऊ-
कभी-कभी इंसानी रिश्ते इतने उलझ जाते हैं कि नफरत, प्रतिशोध और झूठी शान के चलते मासूम जिंदगियों को निगल लेते हैं। एक ऐसी ही दिल दहला देने वाली वारदात लखनऊ के थाना इंद्रानगर क्षेत्र में सामने आई, जिसने न केवल एक पिता से उसका बेटा छीन लिया, बल्कि समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया कि आखिर बदले की आग कितनी भयावह हो सकती है। 22 मई को इंद्रानगर थाना क्षेत्र में उस वक्त सनसनी फैल गई जब 22 वर्षीय युवक मनोज का शव सड़क किनारे लहूलुहान हालत में बरामद हुआ। सिर और शरीर पर गंभीर चोटों के निशान थे। पहली नज़र में यह एक बेरहम हत्या प्रतीत हो रही थी, और जब पुलिस को मृतक के पिता रमाकांत की तहरीर मिली तो स्पष्ट हो गया कि यह कोई साधारण आपराधिक घटना नहीं बल्कि एक गहरी साजिश थी।
वादी रमाकांत का बेटा मनोज एक सामान्य ग्रामीण परिवार का युवक था, जो रोज़ की तरह अपने काम से निकला था, लेकिन लौटकर कभी नहीं आया। पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया और उच्चाधिकारियों के निर्देश पर एक विशेष टीम का गठन किया गया। तकनीकी सर्विलांस, सीसीटीवी फुटेज, और मानवीय खुफिया सूचना के आधार पर पुलिस ने इस हत्याकांड का बारीकी से विश्लेषण किया और अंततः 5 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया गया।
गिरफ्तार आरोपियों में सनी कश्यप 20 वर्ष, सलामू 30 वर्ष, अनूप उर्फ सोनू 21 वर्ष, रंजीत कुमार 21 वर्ष, रहमत अली 25 वर्ष ,ये सभी आरोपी अलग-अलग जिलों से हैं, पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि सोनू कश्यप नामक युवक ने अपने गांव के मनोज नाम के युवक से अपनी मां की हत्या का बदला लेने के लिए खौफनाक साजिश रची और उसे अपने साथियों के साथ मिलकर बेरहमी से मार डाला।
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि मनोज कल्याणपुर की मजार वाली गली में सोनू के घर के पास ही किराए पर रहता था। वर्षों पहले उसी मनोज ने सोनू के मा को मारा था । इस मामले में थाना गुडंबा में NCR तहत मामला दर्ज हुआ था । साजिश के नाम पर ‘पार्टी’ की बात, लेकिन असल में मौत की योजना थी तैयार
मनोज को मारने की साजिश को अंजाम देने के लिए सोनू कश्यप उर्फ अनुप ने अपने दोस्तों से कहा कि वह उन्हें पार्टी देगा, लेकिन असल में यह पार्टी मौत की साजिश थी। मनोज नारियल की ठेल लगाकर रोज़ की तरह काम पर जा रहा था। जैसे ही मनोज नज़दीक आया, सभी ने उसे दौड़ाकर पकड़ लिया। सोनू ने रॉड से उसके सिर पर पहला वार किया जिससे वह वहीं गिर पड़ा। इसके बाद सभी साथियों ने मिलकर मनोज को बुरी तरह पीटा और मृत समझकर भाग गए। राहत और सचिन ने भी मौके से भागने में देर नहीं की।
इतनी क्रूर हत्या को अंजाम देने के बाद सभी आरोपी वहीं पास में बैठकर पार्टी मनाने लगे, जैसे कोई बड़ी जीत हासिल हुई हो। फिर सभी अपने-अपने घर चले गए जैसे कुछ हुआ ही न हो।
रचना इतनी गहरी और योजनाबद्ध थी कि हत्या से पहले रॉड की खरीद, मोटरसाइकिल की व्यवस्था, और हमले की समय-सीमा तक तय कर ली गई थी। घटना वाले दिन सभी आरोपी सोनू की राह में पहले से ही घात लगाए बैठे थे। जैसे ही वह वहां पहुंचा, लोहे की रॉड और धारदार हथियारों से उस पर बर्बरता से हमला किया गया। उसके सिर पर एक के बाद एक वार किए गए, जिससे उसकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।
इस पूरी घटना का सबसे त्रासद पक्ष यह है कि एक युवा, जो अपनी ज़िंदगी के निर्माण की शुरुआत में था,

अब न्यायालय से उम्मीद की जा रही है कि वह दोषियों को सख्त से सख्त सज़ा देकर एक मिसाल कायम करेगा। साथ ही समाज के हर युवा को यह समझने की ज़रूरत है कि विवादों का हल बातचीत और कानून के माध्यम से निकाला जा सकता है, न कि लाशों के ढेर पर खड़ा होकर।
थाना इंद्रानगर पुलिस की इस कार्रवाई की चारों ओर सराहना हो रही है। टीम में शामिल अधिकारी — निरीक्षक सुनील कुमार तिवारी, उपनिरीक्षक संजय कुमार भारद्वाज, संदीप कुमार सिंह, राकेश कुमार, पंकज पाण्डेय, संतोष कुमार यादव, धर्मेन्द्र कुमार सिंह, दीपक कुमार, सत्यवीर सिंह व अन्य — सभी ने अथक मेहनत से इस केस का सफल अनावरण किया।
यह केस सिर्फ एक कानूनी कामयाबी नहीं, बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी है कि अगर हम अपने मूल्यों और सोच को नहीं बदलते, तो ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति होती रहेगी।

ब्यूरो रिपोर्ट- ज्ञानचंद।
ब्यूरो रिपोर्ट- ज्ञान सिंह।

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